बहुत दिन हो गए
बहुत दिन हो गए
हसरतें- दीदार पर्दा बन गई दीदार का,
अब तो इंतजार है हमें तेरे एतबार का,
बहुत दिन हो गए मिले हुए तुझसे हमें,
अब तो रंग चढ़ा है हम पर इंतजार का,
गुजारी थी देखने में उनको सारी जिंदगी,
अब डर नहीं लगता हमें किसी अंजाम का,
इश्क़ में कदम रखा अब पीछे क्या हटना,
इम्तिहान है यह मसर्रत के आगाज़ का,
मैं उनकी नजरों को ढूंढ रहा इधर उधर,
अब तो तुम खत्म करो शबे इंतजार का।