भुला सको तो भुला देना
भुला सको तो भुला देना
नींद कैसे आयेगी मेरी अँखियों में,
नींद तो चुरा ले गई तुम,
मुस्कुराहट कैसे आएंगी मेरी बगिया में,
मुस्कुराहट तो तुम्ही थी सिर्फ तुम,
मेरे लिखे हर पन्ने को जला देना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।
जितने दिन रहा साथ तुम्हारे,
थी जिंदगी उतने ही हमारे,
मेरे एहसासों को दफन कर देना,
और सोचना की तुमने अच्छा किया,
मुझे भुला कर अंधेरा बना दिया,
अब कुछ नहीं है दिख रहा,
उजाले अपने नाम कर लेना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।
वो दिन याद है मुझे अच्छी तरह,
मेरे अंगुलियों में तुम्हारी अंगुलियाँ,
मेरे हाथों में तुम्हारे हाथ,
मेरी आंखों में तुम्हारे आंखें,
मेरी यादों में थी तुम्हारी यादें,
उन यादों को सहेजकर मत रख लेना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।
मुझे तो लगा की मंजिल मिल गई मुझे,
गुजरे तन्हाई में साथ मिल गई मुझे,
अनबूझ को सूझबूझ मिल गई मुझे,
किताबों के साथ सुंदर शब्द मिल गई मुझे,
नदी के साथ निर्मल जल मिल गई मुझे,
जीवन की एक सच्ची जीवन संगिनी मिल गई मुझे,
मेरे बारे में ज्यादा मत सोच लेना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।
एक पल की जुदाई तुम्हें बेचैन करती थी,
मेरी आवाज न सुनो तो उदास रहती थी,
खाने से पहले मेरे खाने का इंतजार करती थी,
मेरे खुशियों का ख्याल रखती थी,
अनजाने से भी कोई मसला ना हो,
अपने मसले को आसान कर लेना
भुला सको तो मुझे भुला देना।
मुझे था नहीं पता भाप जैसा उड़ जाओगी,
मुझे था नहीं पता हवा जैसा गुम हो जाओगी,
मुझे था नहीं पता दवा भी बेकार हो जायेगी,
किसी से मत कहना की दिल तोड़ा है मेरा,
वरना प्यार से विश्वास उठ जायेगा सभी का,
बेशक हर विश्वास को यकीन में मत बदल देना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।
जब भी लगे तुम्हें मेरी जरूरत,
दरवाजा खुला है , खुला ही रहेगा
जब तन्हाई लगे सताने तुम्हें,
मैं जगा हूँ , आंखें खुला ही मिलेगा,
जब भी तुम पुकारोगी यूँ ही मुझे,
आ जाऊंगा प्रिय , ये वादा रहा
मुश्किल समय में साथ ले लेना,
घड़ी की सुई रुक रुक कर लगे चलने,
आंखों से जब लगे धुंधला दिखने,
तब आ जाना प्रिय , याद रख लेना,
भुला सको तो मुझे भुला देना।