भरोसा है
भरोसा है
तुम ना होते तो क्या होता,
हम ना तुमसे मिलते तो क्या होता,
जिंदगी का सफर बस यूं ही चलता फिर भी,
जुदा जुदा राहें हमारी होती,
तन्हा तन्हा हम दोनों ही होते।
गर हम तुम पर मेहरबान ना होते तो क्या होता,
गर तुम बेरुखी ना दिखाते तो क्या होता,
अंजाम हमारी मोहब्बत का फिर मिलन होता,
हम एक दूजे का हाथ थामे संग संग चल रहे होते।
झूठ बोलने की कला हम सीख ही ना पाए,
सच बोलना हम को भारी पड़ गया,
जब भी हमने चाहा हाले दिल को छुपाना,
लफ़्ज़ों में जज़्बात हमारे बयाँ होते चले गए,
कभी भूले से भी ना समझना कि तुमको बदनाम हम करेंगे,
हर चोट अपने सीने पर ले लेंगे पर तुझपर आंच ना आने देंगे।
तुम्हारे लिए हमारे दिल मे क्या जगह है ये जरा हमसे पूछो तुम,
इस ज़माने को मारो गोली ये तो जुदा करना जानता है,
है विश्वास हमको की एक रोज हम मिलेंगे,
अपने प्यार पर और खुदा पर हमको पूरा भरोसा है,
जिसने हमको मिलाया जुदा किया ,
वो फिर से हम पर मेहरबान एक रोज जरूर होगा ।

