भोजपुरी गजल – का कसूर बा
भोजपुरी गजल – का कसूर बा
आँख से बहल आँसू तू पानी कहा सब मंजूर बा।
बहल काहे ई पानी बतावा हमार का कसूर बा।
कईल तोहसे प्यार का ई गुनाह हो गईल बोला।
तोड़ दिहलु दिल हमार धंसल करेजा नासूर बा।
सोचली सजाइब प्यार के दुनिया तोहरे संग हम।
तोड़ के सपना चल दिहलु कईल दगा जरूर बा।
गड़े ना कबों काँटा पाँव दिल बिछवली आपन।
कुचल दिहलु मोर करेजा तोहरे इश्क के शुरुर बा।
मरम दिल बुझतु करम करतू ना तू कबों अइसन।
साँच आशिक हई छोडब ना साथ दिल मजबूर बा।
तू हमार जान हमार परान सब कुछ तुही तू बाड़ू।
तोहरे प्यार के हमरो ये जान सबसे गुरूर बा।
अँखिया में समा के दिल में काहे उतर गइलू।
कइसे करी हम प्यार हमरो कुछउ ना सहुर बा।