बहन
बहन
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साहब,
नसीब नहीं कोई बहन मुझे
पर इज्जत करनी आती है।
इस कसाई जैसे अज्ञानी देश की बेटी
सम्मान के साथ जीना चाहती है।
क्यों गर्भ में बेटी है ?
जानकर गर्भ सूना कराते हो,
देश मांग रहा है लक्ष्मीबाई को,
क्यों बेच रहे हो
अपने बाल के साथ विशाल बुद्धि अधम नाई को
क्यों खो रहे हो मां अंबे को
शक्तिशाली जगदंबे को
क्यों रक्षाबंधन में अपने बेटों को
बहन की कमी महसूस कराते हो
आखिर ,
किसी भाई के नसीब से क्यों बहन जुदा कर आते हो।