मैं तो चल पड़ा
मैं तो चल पड़ा
1 min
410
कुछ सीख चला अब नए दौर में,
एक नादान से समझदार बन।
बात बीती लाखो - हजारों,
कुछ सीख अब आगे चला मैं।
रंग देख लिए कई इस सफर में,
ख़्वाबों को साकार कर चल पड़ा मैं।
विद्यालय का सफर पूरा कर अब चल पड़ा मै महाविद्यालय के सफर पर,
संन्यासी का चोला पहनकर मंजिल पूरी करने चल पड़ा मैं।
साथ ना मिला अपनों का हँसते - हँसते ठोकरें खाते चल पड़ा मैं।
रंग देखें कुछ अपनों के और समझदार बन चल पड़ा मैं ।
