भक्त की पूकार
भक्त की पूकार
मैं आया हूँ तेरे द्वार, श्याम कर लो मेरा उद्धार।
तू ही मेरा आधार, श्याम कर लो मेरा उद्धार।...
भव सागर में मटक गया हूँ,
राह न देखूं पटक गया हूँ ।
तुम ग्रह लो मेरी बांह, श्याम कर लो मेरा उद्धार।...
डोलने लगी है मेरी नैया,
बन जाओ प्रभु मेरा खेवैया।
कर दो नैया पार, श्याम कर लो मेरा उद्धार।....
तुम्हारे मिलन की आस लगी है,
और दर्शन की प्यास जगी है।
मुझे दर्शन दे दो आज, श्याम कर लो मेरा उद्धार।...
सकल जगत का तुम रखवाला,
तुम हो दीनानाथ दयाला।
"मुरली" है दास को दास, श्याम कर लो मेरा उद्धार ।..
