भगवान राम
भगवान राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम मानवता के प्रतीक हैं,
ब्रह्मांड में अद्वितीय विशुद्ध जीवन शैली हैं।
कण _कण में विराजने वाले राम ही हैं,
परन्तु स्वभाव से अनुपम विनम्र भी खूब हैं।
धर्म ध्वज के रक्षक राम पालन हार हैं,
देवता ये त्याग के बेमिसाल रूप हैं।
मानवों के कल्याणार्थ अवतरित हुए थे,
जिसे से मानव आज भी आनंदित रहते हैं।
न्याय के परम पूज्य मूर्ति राम जी हैं,
कर्म करने ये भी धरा पर कष्ट सहे हैं।
प्रजा के हित के लिए सदा तत्पर रहें हैं,
अपने सुख को भी कुर्बान करने से डरे नहीं।
राम तो सांस _सांस में बसे हैं,
सृष्टि में भी वही प्रवाहित होते हैं।
राम _राज्य की कल्पना आज भी,
एक सुखद अनुभूति प्रदान करते हैं।
राम जैसे और कोई नहीं,
राम ही नैया पार लगाने वाले हैं।