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shaily Tripathi

Action Inspirational

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shaily Tripathi

Action Inspirational

भेजी है राखी...

भेजी है राखी...

2 mins
334


भेज रही हूँ राखी तुमको , प्रहरी भारत देश के, 

वीर-सपूत तुम्हीं भारत के, हर भाषा, हर वेश के,

सागर, पर्वत और मरूस्थल रक्षित हैं इस देश के 

क्योंकि तुम सन्नद्ध खड़े हो हर सीमा को घेर के 


ज्योति दीप की, होली के रंग, व्यंजन हर त्यौहार के

तुम से ही मिलते हैं क्योंकि तुम रक्षक हर द्वार के 

सुख से घर में हम सोते, तुम जगते निद्रा त्याग के 

त्यौहारों में भी कर्तव्य निभाते गृह - सुख त्याग के


पहला है अधिकार तुम्हारा इस रक्षा के धागे पर

क्योंकि हमसब की रक्षा का बोझ तुम्हारे कांधों पर  

विस्मृत कर तुमको यदि हम खुश होते हैं त्यौहारों पर, 

हैं कृतघ्न हम, नाशुकरे, हम शर्मिंदा हैं ख़ुद हम पर, 


भाई, पिता, पुत्र और प्रेमी हर रिश्ते है तुम सबके 

हैं परिवार तुम्हारे जो रास्ता तकते हैं हसरत से 

सबका आकर्षण तज कर तुम, खड़े हुए हो सीमा पर 

तुम रक्षा का धर्म निभाते प्राणों की कीमत दे कर 


हिम में तम में वर्षा में, तुम जगते हो हम सोते हैं 

छोटी - छोटी बातों पर झगड़ा करते और रोते हैं 

जान हथेली पर रख कर भी धीर अचल तुम रहते हो, 

छुद्र जीव हम आम जनों को देव तुल्य तुम लगते हो, 


अगर कलाई है सूनी, बिन राखी पर्व बीतता है, 

है धिक्कार सभी बहिनों पर, व्यर्थ सभी का जीना है 

भेजी है राखी भाई तुम, मान बहिन का रख लेना 

भारत के हर इक जन का यह प्यार हृदय में भर लेना 



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