भावनाएं मा की।
भावनाएं मा की।
तेरा चेहरा देखा और मैं सब समझ गयी।
मैं खुद ही तुझसे दूर निकल गई।
मन में तेरी वही नन्हीं सी छवि बसा के।
तेरे लिए एक प्रेम का दीपक जला के,
तेरे लिए एक सुंदर सी दुल्हनिया ला के।
देख मैं खुद ही दूर निकल गई।
नहीं पसंद कि और मांओं के जैसे कोई कहानियां बनाऊं मैं।
ज़माने के सामने तुझे रुसवा कराऊं मैं।
आंचल की छांव का भी कोई मोल लगाऊं मैं
तमाशा खुद भी बनकर तमाशा तुझे भी बनाऊं मैं।
तेरे हर दर्द को सहन किया था कभी मैंने।
लेकिन नहीं चाहती कि तुझे अपना कोई भी दर्द दिखाऊं मैं।
तू अपना जीवन सुख से जी ले
बस जीवन में इससे ज्यादा कभी ना चाहूं मैं।
