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Nandita Majee Sharma

Inspirational

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Nandita Majee Sharma

Inspirational

भारतवर्ष - स्वर्णिम स्पर्श

भारतवर्ष - स्वर्णिम स्पर्श

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सुन लो गाथा मेरे भारतवर्ष की,

ऐतिहासिक स्वर्णिम स्पर्श की,

गंगा-जमुना करती यह भूमि पावन

सिर्फ मौसम नहीं,पर्व होता सावन,


ईद,क्रिसमस,दीवाली,होली,

सभी यहां बन जाते हमजोली,

अनजान भी करते है हिफाज़त,

'नमस्ते' से हम करते हैं स्वागत,


विदेशी निर्दोष गाय भी काट कर खाता,

इस भूमि पर स्वच्छंद विचरती गौमाता,

हर आजा़द पंछी यहां घरौंदा सजाएं,

संस्कारों से ही भारत सर्वश्रेष्ठ कहलाएं।


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