भारत भविष्य
भारत भविष्य
मेरे स्वर्णिम भारत का भविष्य क्या होगा
दीमक लगी है नींव में भविष्य क्या होगा
निर्दोषों का रक्तपान कर रही अराजकता
हो चुकी राजनीति के पतन की पराकाष्ठा
अर्थहीन आंदोलनों का भविष्य क्या होगा
प्राचीन कथाओं में नायक मात्र नायक था
स्वयं के चरित्र में ही रहता खलनायक था
नायक हुए खलनायक भविष्य क्या होगा
कोई कहता चलो रंग दें भारत को भगवा
कोई छोटी बातों पर निकालता है फ़तवा
इन्द्रधनुषी संस्कृति का भविष्य क्या होगा
परस्पर लगते निरर्थक, अनर्गल आरोप हैं
निम्नतम स्तर छूने हेतु आतुर प्रत्यारोप हैं
अल्पबुद्धि हाथ में नाव भविष्य क्या होगा
विवेकहीन छात्रवर्ग हुए संज्ञाशून्य समाज
राजनीतिक दंगल के गढ़ शिक्षण संस्थान
रुग्ण हुई मानसिकता, भविष्य क्या होगा।
