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Sudhir Srivastava

Tragedy

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Sudhir Srivastava

Tragedy

संविधान का खेल

संविधान का खेल

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हमें हमारा संविधान सबसे प्यारा है 

पर उन लोगों के लिए ये सिर्फ हथियार है,

जो संविधान खतरे में है, का बेसुरा राग गा रहे हैं,

संविधान की आड़ में संविधान का ही मज़ाक़ उड़ा रहे हैं।

बस! संविधान संविधान खेल रहे हैं ।

सभी को समानता का अधिकार है 

समान न्याय, बौद्धिक और धार्मिक आजादी है,

पर कुछ लोग धर्म, जाति के नाम पर 

मंदिर मस्जिद का खेल खेल रहे हैं,

नफ़रत की चिंगारी फेंक, भाई को भाई से लड़ा रहे हैं,

जाति धर्म की आड़ में हिंसा अलगाववाद और वैमनस्यता फैलाकर 

सिर्फ स्वार्थ की रोटियाँ सेंक रहे हैं,

और वही सबसे ज्यादा संविधान की दुहाई दे रहे हैं।

और आज संविधान दिवस पर 

खुद को संविधान का सबसे बड़ा पोषक बता रहे हैं,

जो संविधान का सबसे ज्यादा नित उपहास कर रहे हैं,

लगता है कि संविधान संविधान खेल रहे हैं 

और ओलंपिक पदक के साथ साथ 

भारत रत्न की चाह में नित नया अभ्यास कर रहे हैं।



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