मैं भारत हूँ
मैं भारत हूँ
वो सोने की चिड़िया वाली
बचपन में सुनी कहावत हूँ।
मंदिर में कहलाता हूँ पूजा
मस्जिद में हुआ इबादत हूँ।
मैं भारत हूँ !
पर्वत बिंदिया सागर पायल
तन की सुघड़ सजावट हूँ।
कवियों की कल्पना में जो
उभरे वो सिंदूरी इबारत हूँ।
मैं भारत हूँ !
गाँव में खेतों के बीच लगी
चौपाल वाली गरमाहट हूँ।
शहर में पड़ोसियों के बीच
बिखरी खिलखिलाहट हूँ।
मैं भारत हूँ !
बार बार चेताया फिर होती
पड़ोसी देश की अदावत हूँ।
दिन रात बने हुए प्रहरी जो
वीर सैनिक की शहादत हूँ।
मैं भारत हूँ !
नेता अपनी बपौती न जानें
बस जनता की अमानत हूँ।
जब तुम जागो तभी सवेरा
खुद देता तुम्हें हिदायत हूँ।
मैं भारत हूँ !