Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dr Pragya Kaushik

Inspirational

4  

Dr Pragya Kaushik

Inspirational

बहारें आएगी फिर से

बहारें आएगी फिर से

1 min
234


बहारें आएगी फिर से

इस पर कदाचित

शंकित नहीं था मैं,

संजोये रखा था धरोहर -सा

उम्मीद को तुम्हारी,

पिरो कर सपनों को बहारों के मैंने

बिछाये रखा जड़ों में कब से मेरी,

तभी तो अब, ठूंठ नहीं हूं मैं।


नव जीवन की उम्मीद हूं मैं

हर शाख, हर पत्ते की तकदीर भी हूं मैं।

कल का आज हूं मैं और कल का ताज भी हूं मैं,

मुझको तो निभाने है अभी और भी फर्ज

क्योंकि उतरे नहीं इनसानियत के मुझ पर से कर्ज।

तभी तो अब, ठूंठ नहीं हूं मैं।


संतति तुम्हारी अभी और फलेगी 

अस्तित्व से मेरे और खिलेगी

इसको भी देखने हैं मौसम के सभी रंग और रंग बदलते इनसानों के ढंग,

पर नायाब दोस्त इसकी भी उम्मीद होंगे,

मेरी तरह झुकेगी नहीं यह भी

गुरूर इसको भी होगा अस्तित्व पर अपने और कहेगी मुझसे -

अब, ठूंठ नहीं हो तुम,

मेरी सीख हो तुम

बहारों का प्रतीक हो तुम

तजुर्बे पर उम्मीद की सील हो तुम,

तभी तो, ठूंठ नहीं हो तुम।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational