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Aishani Aishani

Abstract Tragedy Fantasy

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Aishani Aishani

Abstract Tragedy Fantasy

बगुला भगत !

बगुला भगत !

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बचकर रहना उन बगुला भगतों से

ये लुटेगे तुमको बड़े प्यार और विश्वास से

ले जायेंगे दूर क्षितिज से


तोड़ेंगे तुम्हारे हर श्वास को

छूटेगा घर, टूटेगा हौसला तुम्हारा

फिर खा जायेंगे तुम्हारे हर आस को

बचकर रहना इन बगुला भगतो से

लुटेगे तुमको बड़े प्यार और विश्वास से। 


ना भोजन ना तन कपास रहेगा

कोई अपना भी ना पास रहेगा

जीवन में बचा ना कुछ ख़ास रहेगा

सारा वैभव बाँधकर संग तुम्हारे

आस्ते आस्ते तुमको हलाल करेंगे


स्वर्गलोक का कल्पित स्वप्न दिखाकर

पल पल तुम्हारा ह्रास हर सांस करेंगे

बचकर रहना इन बगुला भगतो से

लुटेगे तुमको बड़े प्यार और विश्वास से। 


कौन आयेगा तुमको संभालने

उनकी तासीर कुछ ऐसी होगी

नहीं कर सकोगे ऐ'हतियात 


डूबते जाओगे उनकी बातों में

वक़्त है अब भी ऐहतियात रख

बचकर रहना बगुला भगतों से

लुटेगे तुमको बड़े प्यार और विश्वास से। 


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