बेटियां
बेटियां
जीवन का आधार होती है बेटियां
हर दुख दर्द में साथ रोती है बेटियां
नसीब वालों के भाग्य को
चमकाती है बेटियां
पहले खिलाती सबको
बाद में खाती है बेटियां
बेटे मुंह मोड़ ले तब सिर्फ
काम आती है बेटियां
फिर भी जाने किस लिए
नहीं भाती है बेटियां
जालिम जमाने को रास
नहीं आती है बेटियां
हर रोज नए कीर्तिमान
रचाती है बेटियां
पिता की अर्थी में अब
कंधा, लगाती है बेटियां
जाने फिर क्यूं कोख में
मारी जाती है बेटियां।