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nisha rathore

Tragedy

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nisha rathore

Tragedy

बेटी

बेटी

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इस कविता में, मै न मां के बारे में लिखूंगी

न बहन के बारे में लिखूंगी,

मै लिखूंगी एक बेटी के बारे में।


क्या सच में बेटी होती है पराई।

यह बात क्यो सब के ह्रदय में समायी।।

जब पहले समझा जाता था बेटी को पराया।

यह आज  भी जाता है  सराया।।


पहले जब बेटियो पर करते थे अत्याचार।

क्यों नही छापते थे उनके बारे में अखबार।।

क्यों कर रखा है पुराने विचारो का साथ।

आने वाली पीढ़ी तुझे मारेगी लात।।


हमारे देश में भी थी एक बेटी।

जिसने अपने सामर्थ्य से चला दी थी पूरे देश आंधी।

उसका नाम था इंदिरा गांधी।।


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