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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

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Kamlesh Kumar

Abstract Inspirational

बेटी को आने दो

बेटी को आने दो

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बिना नारी की सृष्टि कैसी ?

एक पल के लिए विचार करो।

बेटी को आने दो जग में, 

पेट में ही न प्रहार करो।।


सीता, सावित्री और अनुसुइया,

लक्ष्मी -सरस्वती भी नारी थी।

सब का कष्ट दूर करने को, 

दुर्गा राक्षसों को मारी थी है।

शक्ति स्वरूपा हमारी बेटियां,

इनका तुम सत्कार  करो।

बेटी को आने दो..............।।


बेटों से आगे हैं बेटियां,

इनका  कोई  मेल नहीं।

नौकरी, कबड्डी, कुश्ती, टेनिस,

शेष  रहा कोई  खेल नहीं।

सफलता की ये गगन चूमेगी,

इनका तुम एतबार करो।।

बेटी को आने दो.......…….।।


बेटा ने ही शाहजहां को,

कारागार  में डाल  दिया । 

जाने  कितने  बेटों  ने,

मां-बाप को घर से निकाल दिया।

बनेगी तब सहारा ये बेटियां,

इनका  तुम आभार करो।।

बेटी को आने दो.......…….।।


अब न बेटा स्वर्ग की सीढ़ी,

मुक्ति  का न वो द्वार है।

बेटी भी अब कूल की दीपक,

खुशियों  की  संसार  है ।।

बेटी भी अब देगी मुखाग्नि, 

कमलेश तुम स्वीकार करो।।

बेटी को आने दो.......…….।।

     


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