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S Ram Verma

Romance

3  

S Ram Verma

Romance

बेजुबान ख़ामोशी

बेजुबान ख़ामोशी

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तुम्हारा दिया सबकुछ 

बचा कर रखा है मैंने 

एक सिर्फ तुम्हारे लिए

कुछ आधी अधूरी धुनें 

कुछ पूरी पूरी सिसकती 

हुई सी आवाज़ें !


कुछ कदम एक ही जगह 

कब से ठहरे हुए है

कुछ आँसुओं की बूंदें 

कुछ उखड़ती हुई सी 

सांसें और कुछ आधी 

अधूरी कविताएँ !


कुछ तड़पते से एहसास 

कुछ बेजुबान ख़ामोशी 

कुछ चुभते हुए से दर्द

तुम आओ अब मुझसे 

ये नहीं संभलते अकेले 

आकर सम्भालो इनको

जो दिया था तुमने मुझे

वो सबकुछ बचा कर रखा है 

मैंने एक सिर्फ तुम्हारे लिए !


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