बेदर्द चाहत
बेदर्द चाहत
तुम्हारी चाह में हम गुजरते रहे
तुम्हारी चाह में हम गुजरते रहे
मगर तुम तो खुद मुकरते रहे,
तुम्हारी चाह में हम गुजरते रहे
चाहा था तुमको जान से भी ज्यादा
तुमने तो बनाया था हमें एक प्यादा
तुम गुफ्तगू में हमें उलझाती रही
प्यार की दास्तान अपनी सुनाती रही
वो बड़ी बेदर्दी से हमें रुलाती रही
और खुद बैठकर मुस्कुराती रही
बेवफाई तो कोई तुमसे सीख ले
अगर वह तुमको झेलना सीख ले
तुम्हारी चाह में हम गुजरते रहे
मगर तुम तो खुद मुकरते रहे।