बदलते वक्त में
बदलते वक्त में
वो चमकते हुए दिए
वो पटाखों की आवाजें
आज भी वही हैं
मगर दिल के ख्यालात बदल गए हैं
लोग बदल गए हैं
दुनियाँ बदल गई है
रिश्तों की परिभाषा बदल गई है
कोई खोया है
अपनी दुनियां में
तो खोया डिजिटल दुनियां में
फिक्र यहाँ अब किसको किसकी
अकेले हैं हम उम्र के साये में
जीने को पल ही कहाँ
व्यस्त हैं पैसों के साये में
त्यौहारों का मतलब बदल गया
चलन जिंदगी का बदल गया
कोई किसी को याद नहीं
मतलब का मतलब बदल गया
जो प्यार जो दुलार
कल तक त्यौहार की पहचान था
बदलते वक्त में
हर कोई खुद से ही अनजान था
पकवान आज भी वही हैं
मगर वो मिठास कहाँ
नींद गहरी लेने के लिए
आँगन में वो नीम का पेड़ कहाँ
कहाँ खोजें अब वो रास्ता
जहाँ अपने मिलें
प्यार से गले लगाने वाले
सुकून भरे अहसास मिलें।