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Vandana Srivastava

Inspirational

4.5  

Vandana Srivastava

Inspirational

बदलाव

बदलाव

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कुछ विचारों का जमावाड़ा,

जिनका बन गया था अखाड़ा,

खुद से दूर कर कहीं दफन कर आई हूं,

नये बदलाव से मैं स्वयं को नया बना पाई हूं..!!


कुछ रिश्ते जो बस थे अनचाहे से,

बातों में जिनके थी ताने भरे उपहास से,

उनको हाशिये पर समेट शांति लाई हूं,

नई शुरूआत कर स्वयं को बदल पाई हूं..!!


बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी हैं जमाने नें,

किसने हक दिया किसी को मुझे आज़माने का,

सबकी नजरों का बन कांटा जो मैं उग आई हूं,

सफाई नहीं दूंगी कि मैं ऐसी क्यों बन गई हूं..!!


बदलाव की बयार जो चल पड़ी है जोरों की,

कमी नहीं है यहां खुशियों में सेंध लगाते चोरों की,

बड़ी होशियारी से सबको मैं खदेड़ आई हूं,

बदल गई हूं मैं समझदारी को समेट लाई हूं..!!


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