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Shilpi Goel

Children

3  

Shilpi Goel

Children

बचपन का ज़माना

बचपन का ज़माना

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बचपन का ज़माना भी बड़ा खुशनसीब होता है,

कितना भी ढूँढो करीने से दोबारा नहीं मिलता।

ना मिलते वो गलियारे, ना मिलता वो अपनापन,

ना मिलते दोस्त पुराने, ना मिलता वो आँगन।

खिलखिलाहटों के संसार में होती ना ज़माने की फिक्र, 

बस होता था दोस्तों और उनकी दोस्ती का जिक्र। 

ना भूख की फिक्र ना प्यास का ठिकाना,

ऐसा होता है बचपन का प्यारा सा ज़माना।

कहते हैं ढूँढ़ने से सब कुछ है मिल जाता,

पर ना मिलता जो वो है बचपन का ज़माना।

बचपन की यादें भी होती हैं अजीब,

भिगो देती हैं दामन पर ना होता कोई करीब।



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