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अच्युतं केशवं

Drama

5.0  

अच्युतं केशवं

Drama

बच्चे हों भूखे तो

बच्चे हों भूखे तो

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पेंटों के आगे दम तोड़ देते राष्ट्र -गीत

साथ छोड़ जाते हैं शत-शत जन्मौ के मीत

रिश्ते और नाते भी

गढ़ने नये बहाने लगते हैं

जेब फटी या खाली हो।


जीवन है मानो पिटी शतरंजी गोटी सा

चंदा भी लगता है चिपड़ी हुयी रोटी सा

नीले गगन के तारे

गेहूँ के से दाने लगते हैं

जेब फटी या खाली हो।


आँखौं से काजल सा बह जाता स्वाभिमान

तिनके सी उड़ जाती लज्जा अरू आन-बान

बच्चे हों भूखे तो

मीठे गाली-ताने लगते हैं

जेब फटी या खाली हो।


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