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Mamta Singh Devaa

Inspirational Children

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Mamta Singh Devaa

Inspirational Children

बच्चे अचानक बड़े होने लगे हैं

बच्चे अचानक बड़े होने लगे हैं

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ना जाने कब चुपके से 

हाथ छुड़ा कर दूर खड़े हो होने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

जो बिना ऊँगली पकड़े चल नहीं पाते थे

वो अब ऊँगली थाम कर चलने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,


हमने उनको अक्षर जोड़ना सिखाया

वो हमें ही बोलना सिखाने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

जो हर दर्द पर चिल्लाते थे

अब अपना दर्द दबाने लगे हैं 

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

स्कूल से आकर जो सब बातें बताते थे

अब कुछ बातें छिपाने लगे हैं


बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

जिनके लिए हम रात - रात भर जगते थे

वो अब हमारे लिये भी जगने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

हर एक बात टोक - टोक कर सिखाते थे

वो हमें ही नसीहतें देने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

सीने से चिपका कर सड़क पार कराते थे 

अब सड़क वो हमको पार कराने लगे हैं 

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,


हमारे सिखाने पर जो लाते थे तारीफों के ढेर

अब हर बात पर हमको सिखाने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं,

जो हमेशा हमें छोटे लगते थे

अब अपने बड़े होने का दावा करने लगे हैं

बच्चे अचानक से बड़े होने लगे हैं।


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