बातों का जादू
बातों का जादू
रेशमी शब्दों के जाल की तरह
उसकी बातों का जादू
आज भी मुझ पर छाया हुआ है
वो बात अलग है कि
लम्बे अरसे से हमारी बात नहीं हुई
बारिश की बूंदो की आवाज़
आज भी मुझे अच्छी लगती है
मानो जैसे वो युगों का अंधेरा
अपने साथ बहा कर ले जाती हो
जब हवा का रंग रंगीन हो जाता है
तब ऐसा लगता है
वो कोई मेरी लिखी हुई कविता को पढ़ रहा हो
और उसे मधुर संगीत के रूप में
प्रकृति को सुना रहा हो
मैं नहीं जानती
हम फिर कभी मिलेंगे या नहीं
पर हाँ
तुम्हारी बातों का एहसास
जिन्दा रहेगा ता - उम्र
इस बात की मैं साक्षी रहूंगी।