बातों का गहरा धाव
बातों का गहरा धाव
बातों का गहरा धाव
कभी मिटता नहीं है
मलहम पट्टी होता
सुखता नहीं है।।
दर्द होता दवा होता
पर दिखता नहीं हैं
किसी औरों का वह
सुनता-सुनाता नहीं हैं
बातों का गैहरा धाव.....
वर्षों-वर्ष धधकता सुलगता
पर रिसता नहीं है
कोई भी एन्टीवायोटीक
ठीक करता नहीं है
बातों का गैहरा धाव.....
झगड़े का कारण बनता
विपती न हर पाता है
तु-तु , मैं-मैं में बस
जीवन कटते रहता है
बातों का गैहरा धाव.....