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Sandeep Kumar

Tragedy

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Sandeep Kumar

Tragedy

बातों का गहरा धाव

बातों का गहरा धाव

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बातों का गहरा धाव

कभी मिटता नहीं है

मलहम पट्टी होता

सुखता नहीं है।।


दर्द होता दवा होता

पर दिखता नहीं हैं

किसी औरों का वह

सुनता-सुनाता नहीं हैं

बातों का गैहरा धाव.....


वर्षों-वर्ष धधकता सुलगता

पर रिसता नहीं है

कोई भी एन्टीवायोटीक

ठीक करता नहीं है

बातों का गैहरा धाव.....


झगड़े का कारण बनता

विपती न हर पाता है

तु-तु , मैं-मैं में बस

जीवन कटते रहता है

बातों का गैहरा धाव.....


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