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Praveen Gola

Romance

3  

Praveen Gola

Romance

बातें

बातें

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नैनों से नैना मिले, दिल अपने ऐसे खिले, क्या सुबह और क्या शाम ? बस तू ही तू अब दिखे।

रातों को गर्मी लगे, सर्दी में पसीना बहे, क्या मौसम और क्या समां ? तेरा नशा बस चढ़े।

दिल में दर्दों की अब, बारिश सी नई झड़े, तुझको बुलाने की सच, एक तड़प सी लगे।

दिल बहक सा गया, तेरे बिन ये गया, तू इजाजत गर दे, तो ये फिर जी उठे।

साँसों में अब तेरा नाम, घुलने लगा सुबह - शाम, तेरी धड़कन से अब, मेरी धड़कन बातें करे।।


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