बात करनी है !
बात करनी है !
'तुझसे एक बात करनी है,
आ जा, बैठ कुछ पल साथ हमारे,
एक दूसरे की फिर से खोज करनी है।
जनता ही नहीं तुजेह की कौन है तू,
तेरे चहेरे को पहचानता ही नहीं जैसे,
तुजसे आज महोब्बत पहेली बार करनी है।
कही खो ही गया है वो खुलके हसता हुआ चहेरा,
दौड़ रही है बस वक़्त के साथ, क्या है इरादा तेरा?
खिलखिलाते वो चहेरे से आज बात करनी है।
कल परसो बैठेंगे, फिर कभी बात छेड़ेंगे,
अभी ये सब सुनने का वक़्त कहा है ?
तेरी ये सारी बातें मुझे आज ही सुननी है।
आ जा, बैठ, तुझसे एक बात करनी है।

