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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

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सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

बारिश की बूंदें

बारिश की बूंदें

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दूर आसमान से गिरते

उन बूंदों को देखकर 

मन में कई प्रश्न उमड़ते हैं 

कैसे अपना घर छोड़ 

वो माँ के आंचल से गिरते हैं

क्या आने से पहले

माँ ने उनका मुख चूमा था

उनके मन की हलचल को 

क्या माँ ने पहचाना था

माँ ने जब धीरे से खोला था आंचल 

बूंदें छम छम कहाँ निकल पड़ी

इठलाती बलखाती 

धरती पर क्यों जलधार बनी

माँ का घर छोड़ क्या 

वो नहीं घबराई थी

दूर आसमान से गिरती 

बूंदें क्या थोड़ा शरमाई थी।


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