Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Bharat Thacker

Comedy

3  

Bharat Thacker

Comedy

बालों का अकाल

बालों का अकाल

1 min
315


सर पे मेरे बाल का अकाल है

सर पे निकला चाँद, कहते है टाल है

आईना मुझे अब रास नहीं आता

टाल से जिंदगी में मचा बवाल है


टाल ने मेरा वो हाल किया

भरी महफिल में मलाल किया

कैसे सुनाऊं दास्तान अपनी

मेरी उम्र को हलाल किया


कभी सर पे लहलहाते बाल थे

राधा के संग जैसे गोपाल थे

टाल ने मुझे ना छोड़ा कहीं का

कभी कुंवारीयों के दिल की ताल थे


सर पे निकला चाँद, तब से लगते है झटके

इस की दवा के लिये हम दर दर भटके

खाद वारों से गुज़ारिश की खाद बनाये ऐसी

बाल की फसल लहलहाये डटके


टाल की बात क्यों है कमाल की

मेरी बात से लोगो ने क्यों धमाल की

एक बात बताओ मुझे यारों

मैंने बाल की खाल निकाली, या टाल की


बचे-खुचे बालों को बचाने की जहमत जारी है

बाल और टाल की जंग भारी है

आप भी बच के रहना यारों

आज हमारी तो कल आप की बारी है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy