उपहार
उपहार
इफको खाद से धरती, इफको खाद से धरती
सोना उगले, उगले हीरे मोती
हां हां हां हां हां हां हां
हो हो हो हो हो हो हो
मोती से चमकते खाद, खेती का राग सुनाते है
गम कोश दुर हो जाता है, खुशीयों की फसल मुस्काती है
हो हो हो हो हो हो हो
सुनके संयत्र की आवाजे, युं लगे कहीं शहनाइ बजे
लाती है मस्त बहारों को, दुल्हन की तरह हर खेत सजे
इफको खाद से धरती, इफको खाद से धरती
सोना उगले, उगले हीरे मोती
लगते ही खाद खेतो पर, ममता अंगडाइया लेती है
क्यों ना पुजे उस खाद को, जो खेती का सुख देती है
हो हो हो हो हो हो हो
इस खाद को जिसने दाद दिया, उसने ही पाया प्यार तेरा
खेती से बढकर कुछ भी नहीं, है सबसे बडा उपहार तेरा
इफको खाद से धरती, इफको खाद से धरती
सोना उगले, उगले हीरे मोती
हां हां हां हां हां हां हां
हो हो हो हो हो हो हो
गाने की धुन का नामः मेरे देश की धरती,
सोना उगले, उगले हीरे मोती
फिल्म का नामः उपकार