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Ajeet dalal

Comedy Others Children

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Ajeet dalal

Comedy Others Children

गांव में आया सेठ

गांव में आया सेठ

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बचपन की बात है,

 अब तक मुझको याद है।

 गांव में आया एक सेठ,

 साठ इंची ढोलक सा पेट।

 मुझसे फरमाया ,"क्या चल रहा है गांव में,"

 मैंने कहा," सब पल रहे हैं आप की छांव में।"


वह बोला ,"फसल फसल कैसी है,"

 मैंने कहा," आपके लिए तो अच्छी है।"

 उसने कहा," बात तेरी सच्ची है,"

 मैंने कहा," अभी तो वह कच्ची है।"


 सेठ थोड़ा गर्माया आया,

 गुस्से में मुझसे फरमाया।

बोला," बहुत ज्यादा बोलते हो,"

 मैंने कहा ,"आप भी कम बोलते हो।

 लोगों को उधार देते हो ,

मनचाहा ब्याज लेते हो।"


इतने में फादर आ गया ,

डर का बादल छा गया।

 मैं वहां से टसक गया ,

मौका देखकर खिसक गया।

फादर बोला, "पानी पिओगे,"

" ना जी, ना जी ",

"चाय पियोगे ,"

"ना जी ,ना जी,"

 "खाना खाओगे,"

 "हां जी ,हां जी।"


आओ तो घर पर चलते हैं,

 कुछ बातें पल भर करते हैं।

 सेठ बोला," आखिर कैसा माल है,"

 मैंने कहा," सेठ जी, कंकर वाली दाल है।


जिसे बड़ी लगन से बनाया है ,

हल्दी, ईट, गधे की लीध का , तड़का लगाया है।"

 सेठ बोला," यह आया किस जहान से,"

 मैंने कहा,"सेठ जी, आपकी दुकान से।"

 "सेठ जी आपकी दुकान से"।।


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