बाल कृष्ण
बाल कृष्ण
कान्हा पधारे जसोदा-नंद के अँगना
गोकुल में बजी बधाई है...
घर-घर हो रहा उत्सव
बँट रही मिठाई है...
महादेव बजा रहे डमरु
माँ गौरा ने तिलक किया
बाल कृष्ण का दोनोँ ने
गोकुल में आ स्वागत किया...
पाकर कान्हा के दर्शन
राम जी मंद-मंद मुस्का रहे
माँ सीता लाईं हैं पलना
कान्हा उसमें झूल रहे....
सिर पर हाथ फेर कान्हा के
ब्रह्मा जी ने आशीष दिया
माँ गायत्री ने कान्हा को
विद्या का वरदान दिया....
हरि ने कान्हा में पाई
अपनी श्यामल परछाई
बाल रूप देख प्रभु का
रमा प्रेम से मुस्काईं.....।।
