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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

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Dr. Vijay Laxmi"अनाम अपराजिता "

Abstract Inspirational

अवधे नवाबी मुर्गबाजी(Pro-27)

अवधे नवाबी मुर्गबाजी(Pro-27)

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कर्नल मोर्डोंट की मुर्गबाजी की पेन्टिंग विश्व में विख्यात। 

मुर्गबाजी के रहे शौकीन लखनऊ के नवाब अभिजात।


नवाबों के दस्तरखान के लिए चिड़ियां थीं पाली जाती।

सेहत के लिए खानसामे चिड़ियों को तब आपस में लड़ातीं।


नवाबों के इस खेल को ,काॅक मैच का नाम दे डाला।

यह शाही गोरी हुकूमत का ,खेल नहीं सट्टेबाजी आला। 


नवाब आशफ उद्दौला मुर्ग बाजी के थे बेहद शौकीन।

लखनऊ मुर्ग बाजी ने गोरों के दिल का चैन लिया छीन।


जर्मनब्रिटिश चित्रकार जोहान ज़ोफानी चित्र में दायीं ओर।

मित्र मिस्टर ओजियास रखे कंधे पर हाथ बैठे दूसरी ओर ।


नीले रंग की जैकेट पहने हम्फ्री आर ए अकाउटेंट जानबाम्बेल।

लाल कोट, लाल छाते के नीचे एंटोनी लुईस पोलियार कर्नल।


मोर्डेंट की लाल पगड़ी नवाब की दिख रही है सफेद टेक।

दो मुर्गे आपस में भिड़े, देख रहे सब कैसे जेन्टिलमैंन अनेक।


लंदन में आयोजित किया गया टेटे गैलरी शुभ कलेक्शन।

1788 में बन हुई तैयार ,कुछ भी हो क्रूर ये व्यवहार, लें एक्शन। 


बताते हैं पहले मुर्गे की चोंच चाकू से थी तराशी जाती।

बाद में लड़ाने हेतु असील प्रजाति की थी तैयार की जाती।


इंसान सताते, कैसे-कैसे जुल्म से मूक निरीह बेजुबानों को।

खुद लड़ते-लड़ाते,पशु-पक्षियों को, क्या कहे ऐसे हैवानों को ?


ऐसे खेलों पर सभी देशों में हो सरकारी प्रतिबन्ध।

कुछ देशों ने कर रखा है पशु-पक्षियों के हितार्थ अनुबन्ध। 


यदि हम किसी निर्जीव को दे नहीं सकते हैं जीवन।

हमको प्राण लेने का अधिकार किसने दिया अमूमन। 



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