औरतों को गाली मत बनाओं
औरतों को गाली मत बनाओं
कोठे वाली नाचे तो ताली बज जातीं हैं
पहचान की नाचे तो हरामी बन जाती है
औरत तो प्यार की मूरति होती है अगर
इज्जत दोगे तो घरवाली बन जाती है
आज मोहल्ले के झगड़े में सोचा कि
औरतों की बेइज्जती क्यों की जाती है?
अक्सर झगड़ों में मां, बहन, बेटी और
बहू के नाम की गाली क्यों दी जाती है?
कोई मर्द गुस्से में आकर जबान से
मां और बहन को बदनाम करता है
दूसरा मर्द जवाब में उसकी बेटी और
बहू की इज्जत को नीलाम करता है
गाली भी औरतों के नाम की दी जाती है
और कहानियों में देवी बना दी जाती है
हर घर की इज्जत औरत होती हैं पर
बाहर औरत की इज्जत लूट जाती है
पहले जबान में औरतों की इज्जत हो
भले घरों में उसे देवी जैसे मत सजाओं
देवी नहीं बना सकते तो कोई बात नहीं
कम से कम औरतों को गाली मत बनाओं।