औरों की तरह मैं नहीं
औरों की तरह मैं नहीं
जब भी जहां जाऊं उनकी याद आए मुझे
याद आए भी मैं कुछ कर नहीं सकता
जैसे औरों की तरह मैं नहीं चाहता
की कभी उसे परेशान देखू
मैं तन्हां रहू भी तो याद आए मुझे
याद आए भी उनकी अंदर से सुकून का अहसास
जैसे औरों की तरह मैं नहीं चाहता
की उनकी खुशी में दुखी देखू
पहचाना सा है कुछ अनजाना सा भी
याद आए भी पहले से पहचाना सा था
जैसे औरों की तरह मैं नहीं चाहता
की मैं उनका साथ छोडू
जहां भी है याद आता है पर अच्छे हैं वो
याद आए भी सच्चे हैं वो
हमसे भी बहुत अच्छे हैं वो
बस कोशिश और आगे सुखी हो

