असर
असर
तुम मेरे इश्क़ के मुरीद हो
इस बात का अंदाज़
तुम्हारी नफ़रतों से होता है
शुक्र है खुदाया
कुछ तो है
जिसमें शिद्दत नुमाया है
तुम्हारी फ़िराक़दिली की
और उसकी रहमदिली की
हसरतों ने ज़िन्दगी को
बोझिल न किया होता तो
तुम भी इश्क़ के
पैग़म्बर बन गए होते
जो साफ़गोई गोया
तुम्हारे तहरीर में है
वो क्या कहने है
बस आंखों से सीधा
दिल मे असर करती है।

