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Alpa Mehta

Drama

3  

Alpa Mehta

Drama

अश्रुबिंद

अश्रुबिंद

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अश्रुबिंदु अखियन से बहे, 

जैसे माला बिखर गयी मोतियन से 


धागा माला का कच्चा रहे गया 

मन जरासा उदास रहे गया 


कमी न थी प्यार की, 

सैलाब था प्रीत का, 


बस एक तूफान के आगे हार चला 

बहेने लगी प्रीत की पुरवाई, 


अंधेरों मे समेट चली मेरी परछाईं 

न साथ छोड़ा मेरे वजूद को कायम किया 


परछाई ने सिर्फ अंधेरों मे मेरा दामन न छोड़ा।


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