STORYMIRROR

Alpa Mehta

Others

2  

Alpa Mehta

Others

ऋत बसंत.. फागुन

ऋत बसंत.. फागुन

1 min
251

बागों में नये फूलों के उपवन,

फागुन आयो.. लेके ऋत बसंत,

सर्द जवानी सी नटखट

धूप हल्की हल्की रवानी की मूरत,

साथ दोनों का जैसे.. आहलादक,

मूरत जैसे हो संगेमरमर,

प्रीत दोनों की परवान चढ़े

जब खिले बाग बाग ऋत बसंत

न राज ए दिल ऋतुओं का

समझ में आये

बिना एक ना बसंत फागुन लाये।



Rate this content
Log in