अपनी कीमत जानो तुम...।
अपनी कीमत जानो तुम...।
हम वो इंसान है जो खुद को नहीं जानते,
हमें क्या अच्छा लगता है हम नहीं समझते,
हमारे अंदर क्या खूबियां है हम नहीं पहचानते,
हम क्या कर सकते है हम यह भी नहीं जानते,
आखिर क्यों हम खुद को जानने की कोशिश नहीं करते?
क्यों अपनी काबिलीयत पर खुशी जाहिर नहीं करते?
क्यों कभी कोई दूसरा तारीफ करें इस का इंतजार करें?
अपनी कीमत हम खुद समझें खुद जानें,
क्योंकि ये दुनिया सिर्फ हमारे अंदर बुराइयां देखेगी,
हमें नीचा गिराने की कोशिश करेगी,
हमारी हंसी करेगी हमें ताना देगी,
लेकिन हम खुद की प्रतिभा का सम्मान करेंगे,
खुद की अच्छाई पर फक्र करेंगे,
तभी दुनिया वाले हमारी कीमत जानेंगे,
हमें पहचानेंगे हमारा सम्मान करेंगे,
याद रखना,
जो इंसान खुद के काम को औरों से छोटा मानता है,
वो कभी भी बड़ी उपलब्धि नहीं पा सकता,
क्योंकि,
बड़ी मंजिल पाने की शुरुआत छोटी शुरुआत करने से होती है।