STORYMIRROR

SIJI GOPAL

Tragedy

4  

SIJI GOPAL

Tragedy

अपने वजूद का गर्भपात

अपने वजूद का गर्भपात

1 min
395

उसे पाने की कोशिश में

खुद को बाजार कर लिया


अपनी खुशियों की बाजी रखी

और खुद का ही व्यापार कर दिया


नीलाम कर दी अपनी जिंदगी

खुद का सौदा खुलेआम किया


उसे यादों को तिजोरी में संजोकर

खुद को कौड़ियों के दाम दे दिया


तराजू में अपनी मौत बिठाकर

उसके हर ख़्वाब को खरीद लिया


उसे अपनाने के जूनून में

आंसूओं से जुआ खेलना सीख लिया


उसे जीवन का कोंपल बनाकर

अपने वजूद का गर्भपात कर दिया



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy