अपने नाम का एक दीप बालते हैं
अपने नाम का एक दीप बालते हैं
चलो, इस बार दीवाली पर कुछ नया करते हैं ,
अबके साल अपने नाम का एक दीया बालते हैं !
सब मिलकर अब एक नई शुरुआत करते हैं ,
कड़वी बातों को छोड़ अच्छी बातें याद करते हैं !
अब वर्तमान में जीने की ही आदत डालते हैं ,
जो छूटा गया, उसे छोड़कर खुद के साथ चलते हैं !
धोखा देनेवाले इस लोग जीवन बेहाल करते हैं ,
और जो हमें प्रेम करें वो जीवन खुशहाल करते हैं !
जीवन में बराबर सुख व दुख लगा ही रहेगा ,
यही सोचकर जीवन को पूर्ण रूप से अपनाते हैं !
कोई स्वार्थसिद्धि के लिए हमारे करीब आए तो ,
उनसे दूर रहकर खुद को यथोचित सम्मान दिलाते हैं !
अंधकार चाहे कितना भी घना क्यों ना छा जाए ,
अपने उर में प्रेम और विश्वास का दीपक जलाते हैं !
सकारात्मक सोच से होती है ये दुनिया खूबसूरत ,
नकारात्मक सोच त्याग सत्य पथ पर कदम बढ़ाते हैं !