अपने दिल में
अपने दिल में
रिश्तों की पोटली को
कुछ इस तरह सम्भाल कर रखना,
अपने दिल में नित नये
अरमाँ सजाये रखना।
इस जीवन का क्या ठिकाना
कौन कब कहाँ
किससे बिछड़ जाये
रहो कहीं भी मगर
मिलते मिलाते रहना।
पड़ने ना देना कड़वाहट की
एक झलक भी खुद पर
रिश्तों को कुछ इस तरह
गले लगाये रखना।