"अपनापन "
"अपनापन "
कहाँ दिल लगाऊँ लगता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
किसे अपनी दिल की बातें बताऊँ
कोई भी करीब मेरे रहता नहीं है
कभी सोचता हूं
चुप ही रहूँगा
अपने गमों को
खुद ही सहूँगा
कभी सोचता हूं
चुप ही रहूँगा
अपने गमों को
खुद ही सहूँगा
कैसे जुटाऊँ साहस होता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
कहाँ दिल लगाऊँ लगता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
किसे अपनी दिल की बातें बताऊँ
कोई भी करीब मेरे रहता नहीं है
कोई साथ मेरा
होता यहाँ पर
बातें मेरी भी
सुनता यहाँ पर
कोई साथ मेरा
होता यहाँ पर
बातें
मेरी भी
सुनता यहाँ पर
कैसे सुनाऊँ कोई सुनता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
कहाँ दिल लगाऊँ लगता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
किसे अपनी दिल की बातें बताऊँ
कोई भी करीब मेरे रहता नहीं है
अब तो चले आओ
और ना तरसाओ
कोई कहे कुछ
मेरे पास आजाओ
अब तो चले आओ
और ना तरसाओ
कोई कहे कुछ
मेरे पास आजाओ
तुम्हीं सुनोगी कोई सुनता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
कहाँ दिल लगाऊँ लगता नहीं है
तुम्हारे सिवा कोई जँचता नहीं है
किसे अपनी दिल की बातें बताऊँ
कोई भी करीब मेरे रहता नहीं है!!