अनुभवी शब्द
अनुभवी शब्द
कुछ शब्द बहुत मचल जाते हैं
लबों पर आकर भी ठहर जाते हैं।
जाने क्यों मन इतना सोचता है
विचारों में ही सदियों गुज़र जाते हैं।
कह दूं और जो ना भाए उसे तो,
बंधे रिश्ते भी टूटकर बिखर जाते हैं।
वो उकता जाते हैं हमारी ख्वाहिशों से
छोड़ मायूसी के भंवर में जाते हैं।
जिनके दुःख हमें बेचैन करते हैं
अक्सर दर्द में वही नज़र फेर जाते हैं।
मुश्किलों में जिनके सहारे का आसरा था
वही दूर से हमें अलविदा कह जाते हैं।
फूलों के वेष में कांटों-से हैं स्वभाव जिनके
नाजुक भावनाओं को वही ठेस पहुंचाते हैं।
आसान नहीं खुशियाँ बांट खुशी पा जाना
खुद को मिटाकर लोग यहां पहचान पाते हैं।
