STORYMIRROR

Arunima Bahadur

Action

3  

Arunima Bahadur

Action

अंतर्जगत् की यात्रा

अंतर्जगत् की यात्रा

1 min
258

कदम रोकते शूल भी हैं,

समय भी प्रतिकूल है,

कोई संग न इस पल मेरे,

निराशा ही निराशा है

अंधकार ही अंधकार जब,

उजाले की किरण न हो,

अपने भी पराये लगे,

सुकून एक पल न हो,

तब चल दो अपनी अंतर यात्रा पर,


जहाँ हर प्रश्न का हल मिले,

जीवन की सुंदरता का,

अद्भुत आभास यहाँ मिले,

शब्दों से परे यह यात्रा,

प्रेम बस प्रेम मिले,

मौन हो जाती तब वाणी,

इस यात्रा का जो आनंद मिले,

उमड़ते अद्भुत भावों का,

कितना प्यारा सानिध्य मिले,

हर पल फिर तो कण कण में,

बस अनंत का दर्शन मिले,

आओ चले इस यात्रा पर,

जहाँ अद्भुत अपार आनंद मिले।।

    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action