अनंत ऊर्जा होती है मुस्कान की
अनंत ऊर्जा होती है मुस्कान की
बिन बदले अपना व्यवहार,
चाहें हम देंगे दुनिया सुधार।
सोच ऐसी नादानी है,
हर एक इंसान की।
अनंत ऊर्जा होती ,
है मुस्कान की।
इस जगत में हर पल,
हर क्षण कण-कण बदलता है रहता।
हम जड़ समझते हैं जिसको,
गति में अंदर से वह भी रहता।
ज्यों मन में चलते विचार,
त्यों रहता चलता संसार।
अनंत ऊर्जा होती ,
है मुस्कान की।
इस जगत में सबको,
अनवरत चाह सुख की है होती।
सर्द मौसम की सुखकर तपिश तो,
कष्टप्रद गर्म मौसम में होती।
बाॅंटें बेशर्त आनंद,
जो है सबकी पसंद।&
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सबकी चाहत
होती है सम्मान की
अनंत ऊर्जा होती ,
है मुस्कान की।
खुद के लिए जो चाह सबसे,
वैसा व्यवहार सब संग करें हम।
खुशियॉं मिलतीं खुशियों के बदले ,
बिन रोपे हरगिज नहीं आम पाएं।
हमारा खुद का व्यवहार,
है रचता अपना संसार।
जड़ में इसके बात,
होती है बस ध्यान की।
अनंत ऊर्जा होती ,
है मुस्कान की।
बिन बदले अपना व्यवहार,
चाहें हम देंगे दुनिया सुधार।
सोच ऐसी नादानी है,
हर एक इंसान की।
अनंत ऊर्जा होती ,
है मुस्कान की।