STORYMIRROR

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

4  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

अनंत ऊर्जा होती है मुस्कान की

अनंत ऊर्जा होती है मुस्कान की

1 min
351


बिन बदले अपना व्यवहार,

चाहें हम देंगे दुनिया सुधार।

सोच ऐसी नादानी है,

हर एक इंसान की।

अनंत ऊर्जा होती ,

है मुस्कान की।


इस जगत में हर पल,

हर क्षण कण-कण बदलता है रहता।

हम जड़ समझते हैं जिसको,

गति में अंदर से वह भी रहता।

ज्यों मन में चलते विचार,

त्यों रहता चलता संसार।

अनंत ऊर्जा होती ,

है मुस्कान की।


इस जगत में सबको,

अनवरत चाह सुख की है होती।

सर्द मौसम की सुखकर तपिश तो,

कष्टप्रद गर्म मौसम में होती।

बाॅंटें बेशर्त आनंद,

जो है सबकी पसंद।&

nbsp;

सबकी चाहत 

होती है सम्मान की

अनंत ऊर्जा होती ,

है मुस्कान की।


खुद के लिए जो चाह सबसे,

वैसा व्यवहार सब संग करें हम।

खुशियॉं मिलतीं खुशियों के बदले ,

बिन रोपे हरगिज नहीं आम पाएं।

हमारा खुद का व्यवहार,

है रचता अपना संसार।

जड़ में इसके बात,

होती है बस ध्यान की।

अनंत ऊर्जा होती ,

है मुस्कान की।


बिन बदले अपना व्यवहार,

चाहें हम देंगे दुनिया सुधार।

सोच ऐसी नादानी है,

हर एक इंसान की।

अनंत ऊर्जा होती ,

है मुस्कान की।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract