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Dr. Shikha Maheshwari

Romance

3  

Dr. Shikha Maheshwari

Romance

अनकहा प्यार

अनकहा प्यार

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जब पूरा दिन बीत जाता है

और तुम्हारा फोन तक न आता है

हम तुम्हें याद करते करते सो जाते हैं।

जब सूर्योदय से सूर्यास्त हो जाता है

और तुम्हारा मैसेज तक न आता है

हम तुम्हें सांझ की दिया बाती में माँगते हैं।

जब हर स्वप्न पूरा हो जाता है

और तुम्हारे संदेशवाहक फूल न आते हैं

हम खुद को मुरझाया पाते हैं।

जब जन्मदिन पर अनेकों बधाईयां मिलती हैं

लेकिन तुम्हारा इंतजार पार्टी में करके केक काटते हैं

सब हँसते हैं हम आँसू पोंछते हैं।

जब घर वाले लड़कों की तस्वीर दिखाकर मेरी राय पूछते हैं

हम हर चेहरे में तुमको ढूँढा करते हैं।

जब जिंदगी उलझी उलझी लगती है

हम समुद्र की लहरों से तेरा पता पूछा करते हैं।

जब सोचते हैं कि तुमको भुला दें

सच में हम खुद को जिंदा लाश के रूप में पाते हैं।


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